Smallest Country in the World: दुनिया के सबसे छोटे देश कौन-कौन से है, यहां जानिए

Smallest Country in the World: दुनिया के सबसे छोटे देश कौन-कौन से है, यहां जानिए
Smallest Country in the World: दुनिया के सबसे छोटे देश कौन-कौन से है, यहां जानिए
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Smallest country in the world: वैसे तो पूरी दुनिया में लगभग 204 देश हैं और दुनिया के इन सभी देशों में अमेरिका ऑस्ट्रेलिया रूस और चीन जैसे बड़े-बड़े देश भी है जो पूरी दुनिया के लगभग आधे भूभाग पर राज करते हैं और आधे भूभाग पर बाकी बचे 200 देश स्थित हैं।

इन 200 देशों में कुछ तो इतने छोटे हैं की उन्हें दुनिया के नक्शे पर ढूंढना भी मुश्किल है लकिन वहीँ बेहद कम जनसंख्या और छोटे क्षेत्रफल के होने के बावजूद यह देश पूरी तरह स्वतंत्र और सुखी हैं. दुनिया के इन सबसे छोटे देशों में ज्यादातर के पास अपनी सेना भी नहीं हैं फिर भी इन्हें किसी से कोई खतरा नही है. आइये अब दुनिया के सबसे छोटे देशों ‘Smallest country in the world’ के बारे में जानते हैं.

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दुनिया के सबसे छोटे देश – Smallest Country in the World

वैटिकन सिटी (Vatican city)

यूरोप में स्थित यह देश दुनिया का सबसे छोटा देश ‘smallest country in the world’ माना जाता है क्योंकि ये छोटा सा देश आधे से भी कम किलोमीटर के क्षेत्रफल में बसा हुआ है और इस देश की जनसंख्या मात्र 800 है, इसके बावजूद इस देश को एक आज़ाद मुल्क के रूप में अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली हुई है। वैटिकन की अपनी करेंसी तो है ही साथ ही अपना डाक विभाग दूतावास पासपोर्ट केंद्र और अपना अलग रेडियो स्टेशन भी है।

ये जगह दुनिया भर के रोमन कैथोलिक ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र स्थान है इसलिए यहां कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु रहते हैं जिन्हें पोप कहा जाता है. कैथोलिक चर्च के अलावा यहां मकबरे, संग्रहालय और भी कई बड़े आध्यात्मिक केंद्र हैं जिन्हें देखने दुनिया भर से लोग आते हैं. वेटिकन सिटी के पास अपनी कोई सेना नहीं है. इस छोटे से देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी इटली के पास है. वैसे यहां केवल कैथोलिक संत और पादरी ही रहते है. इसीलिए ये दुनिया का सबसे शांत इलाका माना जाता है।

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मोनैको (Monaco)

वेटिकन सिटी के बाद मोनैको दुनिया का दूसरा ‘smallest country in the world’ सबसे छोटा देश है, 2005 में मोनैको का क्षेत्रफल केवल 1.974 किमी (0.762 वर्ग मील) था और अब यह देश 2.1 किलोमीटर की सीमा के अंदर आता है. फ्रांस और इटली के बीच समुद्र के किनारे बसा ये छोटे से देश की कुल आबादी 37,831 है. बता दें कि समुद्र किनारे बसे होने के कारण यहां की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है. इस देश में दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा प्रति व्यक्ति करोड़पति हैं. यह देश पर्यटन के मामले में भी काफी आगे है.

नौरु (Nauru)

नौरु प्रशांत महासागर में स्थित ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित एक छोटा सा टापू है और यह दुनिया का तीसरा सबसे छोटा देश है साथ ही यह एक स्वतंत्र राष्ट्र भी है. नौरु देश का क्षेत्रफल मात्र 21 वर्ग किलोमीटर है और नौरु देश की कुल आबादी मात्र 10,000 के करीब है. यह दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र गणराज्य देश है जिसका अपना लिखित संविधान है साथ ही यह दुनिया का एक मात्र ऐसा राष्ट्र है जिसकी कोई राजधानी नहीं है. नौरु देश की अपनी कोई सेना भी नहीं हैं.

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प्रथम विश्व युद्ध के बाद नौरु देश यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड द्वारा प्रशासित राष्ट्र जनादेश का संघ बन गया. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान नौरु देश पर जापानी सैनिकों का कब्जा था फिर युद्ध समाप्त होने के बाद नौरु देश ने संयुक्त राष्ट्र के ट्रस्टीशिप में प्रवेश किया। नौरु देश ने अपनी स्वतंत्रता 1968 में प्राप्त की और उसके एक साल बाद 1969 में प्रशांत समुदाय (एसपीसी) का सदस्य भी बन गया.

सैन मैरिनो (San Marino)

सैन मैरिनो यूरोप का सबसे पुराना देश है. यह विश्व का चौथा सबसे छोटा देश है जो दक्षिणी यूरोप में स्थित है और पूरी तरह से इटली देश से घिरा है. आधिकारिक भाषा इतालवी है. यह देश 61 वर्ग किलोमीटर में फैला है और इसकी कुल जनसंख्या 33,562 है. सैन मैरिनो सबसे विकसित यूरोपीय क्षेत्रों में से एक है. सैन मैरिनो देश की सबसे घनी आबादी वाला इलाका डोगना है. इस देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से सेवाओं और पर्यटन पर आधारित है.

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तुवालु

तुवालु की गिनती दुनिया के पांचवे सबसे छोटे देश में होती है, तुवालु देश की राजधानी फ़नाफ़ुटि (Funafuti) है और यही इस देश का सबसे बड़ा शहर भी हैं. इसका क्षेत्रफल 26 वर्ग किलोमीटर है. 2017 की जनगणना के अनुसार तुवालु देश की आबादी 11,192 है. जनसंख्या की दृष्टि से यह दुनिया का तीसरा कम जनसंख्या वाला देश माना जाता है. इससे कम जनसख्या वाले देशों में केवल वेटिकन और नौरू ही आते हैं.

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तुवालु देश प्रशांत महासागर में हवाई (Hawaii) से ऑस्ट्रेलिया (Australia) के मार्ग के बीच में स्थित है. यह देश पहले ब्रिटेन का गुलाम था. 1978 में यह देश आजाद हुआ और 5 सितंबर 2000 को तुवालु संयुक्त राष्ट्र का 189 वां सदस्य भी बना.

लिक्टनस्टीन (Liechtenstein)

पश्चिमी यूरोप में स्थित यह देश दुनिया का 6वां सबसे छोटा देश माना जाता है. इस देश की सीमाएं स्विट्जरलैंड और ऑस्ट्रिया से मिलती हैं. केवल 160 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले इस देश की जनसंख्या करीब 37000 के आस पास है. इस देश की राजधानी वादुज है और सचान इस देश का सबसे बड़ा और प्रमुख शहर है. यहां की प्रमुख भाषा जर्मन है.

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इस देश के बारे में कहा जाता है कि टैक्स के मामले में यहां के लोग बहुत ईमानदार हैं. जिस कारण यहां की वित्तीय व्यवस्था बहुत मजबूत रहती है. यह दुनिया का एकमात्र राष्ट्र है जो पूरी तरह से आल्प्स पर्वतमाला में स्थित है. लिकटेंस्टीन प्रति व्यक्ति आय के मामले में दुनिया का सबसे अमीर देश है. इस देश में जाना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि इसकी सीमाओं के भीतर कोई हवाई अड्डा नहीं है. इस देश तक पहुंचने के लिए आपको स्विट्जरलैंड के ज़्यूरिख हवाई अड्डे से जाना होगा।

मार्शल आइलैंड (Marshall islands)

अटलांटिक महासागर में स्थित यह देश विश्व का सातवां सबसे छोटा देश है और इस देश की राजधानी मजूरो है. इस देश की सुरक्षा का जिम्मा अमेरिका के पास है. इसके पड़ोस में नारू और किरिबाती देश बसते हैं.

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इसका क्षेत्रफल 181 वर्ग किलोमीटर और जनसंख्या 52634 के करीब है. मार्शल आइलैंड 1983 में स्वतंत्र हो चूका है लेकिन आज भी इसे अमेरिका का ही हिस्सा माना जाता है, मार्शल आइलैंड की भी अपनी कोई सेना नहीं है, अगर कभी भी इस आइलैंड पर हमला या कोई आपदा आती है तो अमेरिकी सेना ही इस देश की सुरक्षा करेगी।

मालदीव (Maldives)

मालदीव देश की गिनती भले ही दुनिया के छोटे देशों में होती है, लेकिन यह देश पर्यटन के लिहाज से दुनिया के प्रसिद्ध देशों में गिना जाता है. हिन्द महासागर में स्थित होने की वजह से इस देश को हिंद महासागर का मोती भी कहा जाता है. यह देश जनसंख्या और क्षेत्रफल के हिसाब से एशिया का सबसे छोटा देश माना जाता है. इस देश की राजधानी माले (Malé) है. 298 वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश की कुल आबादी करीब 345,023 हैं और यह दुनिया का आठवा सबसे छोटा देश कहा जाता है.

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अण्टीगुआ और बारबूडा (Antigua and Barbuda)

अण्टीगुआ और बारबूडा भले ही छोटे देश हों लेकिन अंतररष्ट्रीय स्तर पर इस देश ने एक अलग पहचान बनाई है. बहुत कम समय मे इस देश ने अपनी अर्थव्यवस्था को इतना मजबूत किया है. दो दशक पहले 70 प्रतिशत गरीबों वाला ये देश पूरी तरह गरीबी से मुक्त हो चुका है. इस देश की राजधानी सेंट जोन्स है. यहां की जनसंख्या 81,799 के करीब है. यहां की मुख्य भाषा अंग्रेजी है और यह दुनिया का नौवा सबसे छोटा देश है.

पलाउ (Palau)

प्रशांत महासागर में स्थित इस देश का आधिकारिक नाम पलाउ गणराज्य है. फिलीपीन्स और जापान इसके पडोसी देश हैं. न्गेरुल्मुड इस देश की राजधानी और यहां का प्रमुख नगर है. यहां की राजभाषा अंग्रेजी और पलायुन है. इस देश का कुल क्षेत्रफल 459 वर्ग किलोमीटर जबकि आबादी 20000 के करीब हैं.

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पलाऊ देश के पास अपनी सेना नहीं है वह केवल पुलिसवालों पर ही निर्भर है. 1983 में अमेरिका के साथ हुए समझौते के अनुसार, अमेरिका पलाऊ को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करेगा और आज भी यह देश बिना सेना के सुखद जिंदगी जी रहा है. यह दुनिया का दसवा सबसे छोटा देश है.

Updated on May 15, 2022 10:43 pm

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