अजीत कुमार डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को गिरि बानसेल्युन, पौड़ी गढ़वाल, ब्रिटिश भारत (अब उत्तराखंड, भारत) में हुआ था. डोभाल सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी और भारत के प्रधानमंत्री के 5 वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का पद संभालने से पहले अजीत कुमार डोभाल ने सात वर्षों तक पाकिस्तान में भारतीय जासूस के रूप में कार्य किया था.
डोभाल का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में गुणानंद डोभाल एक सैन्यकर्मी के घर हुआ था. उन्होंने अनु डोभाल से विवाह किया, जिससे उनके दो बेटे हैं, विवेक डोभाल और शौर्य डोभाल. विवेक डोभाल एक वित्तीय विश्लेषक हैं. जिन्होंने यूनाइटेड किंगडम की नागरिकता प्राप्त कर रखी है और सिंगापुर में रहते हैं. उनके दूसरे बेटे शौर्य डोभाल एक भारतीय राजनेता हैं.
अजीत कुमार डोभाल जीवन परिचय
- अजीत प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए किंग जॉर्ज रॉयल इंडियन मिलिट्री स्कूल (अजमेर मिलिट्री स्कूल), अजमेर, राजस्थान गए थे.
- वर्ष 1967 में, डोभाल ने आगरा विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की थी.
- वर्ष 1968 में, उन्हें केरल कैडर से आईपीएस अधिकारी के रूप में चुना गया. उन्हें पंजाब और मिजोरम राज्यों में उग्रवाद विरोधी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप कार्य करने के लिए जाना जाता है.
- उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम कार्य किए, जैसे कि 29 सितंबर 2016 को एलओसी पर स्ट्राइक और 26 फरवरी 2019 को बालाकोट, पाकिस्तान में एयरस्ट्राइक, इत्यादि.
- अजीत डोभाल को पूर्व आईपीएस अधिकारी और भारत के तीसरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन के अंतर्गत प्रशिक्षित किया गया था.
अजीत डोभाल करियर
- अजीत कुमार डोभाल ने वर्ष 1968 में केरल कैडर से एक आईपीएस अधिकारी के रूप में अपने पुलिस करियर की शुरुआत की. उन्होंने पंजाब और मिजोरम राज्यों में उग्रवाद विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
- वर्ष 1999 में, डोभाल ने अफगानिस्तान के कंधार (जो उस समय तालिबान के नियंत्रण में था) में IC-814 से यात्रियों की रिहाई से संबंधित बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसमें भारत ने तीन आतंकवादियों (मुश्ताक अहमद ज़रगर, अहमद उमर सईद शेख, और मौलाना मसूद अजहर) को रिहा कर दिया था.
- डोभाल ने वर्ष 1971-1999 के बीच इंडियन एयरलाइंस के सभी 15 अपहृत विमानों को सुरक्षित करने में अहम भूमिका निभाई थी.
- अजीत डोभाल ने लगभग एक दशक तक इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) में ऑपरेशन विंग के प्रमुख के रूप में कार्य किया है.
- वर्ष 2004-05 में, उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था. वह मल्टी-एजेंसी सेंटर (मैक) और संयुक्त कार्य बल (JTFI) के संस्थापक-अध्यक्ष भी रह चुके हैं. उन्होंने बर्मा और चीनी क्षेत्र में भी कार्य किया है. अजीत ने भारत के साथ सिक्किम राज्य के विलय में भी मदद की थी.
NSA अजीत डोभाल रोचक तथ्य
- अजीत डोभाल पुलिस मेडल पाने वाले सबसे कम उम्र के पुलिस अधिकारी हैं. वैसे तो एक पुलिस अधिकारी को मेडल प्राप्त करने के लिए डेढ़ दशक का समय लग जाता है.
- वर्ष 2014 में, अजीत ने उन 46 भारतीय नर्सों की रिहाई में महवपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्हे इराक में बंदी बनाया गया था. जहां उनका अपने परिवार वालो से भी संपर्क टूट गया था. जिसके बाद अजीत इराक गए और गुप्त मिशन पर कार्य किया.
- जनवरी 2005 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने राष्ट्रीय समाचार पत्रों, पत्रिकाओं के लिए संपादकीय लेख लिखे और प्रसिद्ध संस्थानों में राष्ट्रीय सुरक्षा पर व्याख्यान भी दिए. उन्होंने वैश्विक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ कर योगदान दिया.
- वर्ष 1988 में, ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान, अजीत डोभाल ने रिक्शा चालक के रूप में कार्य करते हुए, स्वर्ण मंदिर में प्रवेश किया और महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। उन्होंने आतंकवादियों को आश्वस्त किया कि वह एक आईएसआई ऑपरेटिव हैं.
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Updated on October 25, 2022 7:46 pm